भारत का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट स्काई रूट एयरोस्पेस कंपनी के द्वारा बनाया गया
Vikram -S, भारत का पहला निजी रॉकेट। Skyroot का आरंभ है मिशन प्रारंभ : पिछले दिनों भारत का निजी तौर पर विकसित पहला रॉकेट Vikram-S को लांच किया गया।
यह रॉकेट 18 नवंबर 2022 को इसरो के launchpad श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से लांच किया गया।
Vikram -S रॉकेट को Skyroot Aerospace कंपनी के द्वारा बनाया गया, यह कंपनी भारत में निजी तौर पर रॉकेट विकसित करने वाली पहली कंपनी बन गई।

भारत का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट मिशन ‘प्रारंभ ‘के तहत बनाया गया
Vikram -S, भारत का पहला निजी रॉकेट
विक्रम इस रॉकेट को नाम ISRO के संस्थापक तथा भारत में स्पेस विज्ञान के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर दिया गया।
इस रॉकेट लॉन्च करने के मिशन को “प्रारंभ” नाम दिया गया।
यह रॉकेट अपने उप कक्षीय उड़ान में 3 उपग्रह को ले जाएगा,जोकि आर्मीनिया के बाजमक्यु स्पेस रिसर्च लैब, चेन्नई के स्पेस कीड और आंध्र प्रदेश की स्पेसटेक इंडिया कंपनी के है।
इसमें कलाम-80 नामक इंजन का उपयोग किया गया है।
उप कक्षीय उड़ान (Sub-Orbital Spaceflight) :- अंतरिक्ष में 100 से 200 किलोमीटर के बीच की दूरी तय करना उपकक्षीय उड़ान कहलाता है, सामान्यता नए रॉकेट के परीक्षण हेतु, उसकी मशीनरी, तकनीकी जांच के लिए, उप कक्षीय उड़ान होता है।
यह रॉकेट 101 किलोमीटर की दूरी तय करेगा तथा 300 मिनट हवा में रहने के पश्चात समुद्र में गिरा दिया जाएगा।
इससे होने वाली फायदे
Vikram -S, भारत का पहला निजी रॉकेट : यह कंपनी घरेलू के साथ-साथ कई सारे विदेशी उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में भेजेगा।
निजी कंपनी के आने से इसरो अपना ध्यान बड़े प्रोजेक्ट में विशेष रूप से देगा।
भारत में अंतरिक्ष विज्ञान के अनुसंधान क्षेत्र में तेजी आएगी भारत में निजी कंपनियों के आ जाने से प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी, जिससे अंतरिक्ष की दुनिया में नए नए अविष्कार होंगे
उपग्रह उद्योग संघ के अनुसार भारत का लक्ष्य 2025 तक 60000 उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजना है इसके लिए निजी कंपनी की अधिक से अधिक भागीदारी होना अति आवश्यक है।
स्कारूट एयरोस्पेस कंपनी का कहना है कि यह विदेशी कंपनी की तुलना में 50% कम खर्च में उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजेगा।
स्काई रूट एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड
यह भारत की निजी स्पेस कंपनी है, इसकी स्थापना जून 2018 में पवन कुमार चन्दना तथा नागा भरथ ढाका के द्वारा किया गया। इसका मुख्यालय हैदराबाद में है।
इस कंपनी ने ही धवन -1 के नाम से भारत के पहले निजी क्रायोजेनिक इंजन का निर्माण किया।
कंपनी ने पिछले साल नवंबर में स्वदेशी निर्मित 3D प्रिंटेड रॉकेट इंजन को सफलतापूर्वक परीक्षण किया, MAY – 19 में कलाम – 100 के नाम से एक रॉकेट इंजन का भी परीक्षण किया।
जून 2020 को भारत सरकार द्वारा अंतरिक्ष के क्षेत्र में निजी कंपनी की भागीदारी के लिए अनुमति मिली।
कंपनी के संस्थापक ने इस मिशन के लिए इसरो तथा IN – SPACe के द्वारा दिए गए सहायता एवं दिशा निर्देश की सराहना की।
भारत के अन्य निजी स्पेस कंपनी : Agnikul Cosmos Pvt.Ltd, PIXXEL Pvt.Ltd.
विदेशी निजी स्पेस कंपनी : Spacex,Blue Origin,Virgin Galactic.
IN-SPACe -Indian national space promotion authorisation centre :-भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत काम करने वाला संस्था है, यह निजी स्पेस कंपनी तथा इसरो के बीच एक कड़ी ग्रुप में काम करता है।
यह अंतरिक्ष के क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिए प्रेरित करता, दिशा निर्देशन करता एवं कंपनी के लिए उपयुक्त माहौल तैयार काम करता है एवं कागजी कार्रवाई को भी देखता है।
Indian Space Research Organisation
इसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 में हुआ, इसका मुख्यालय बंगलुरु है, वर्तमान में इसके अध्यक्ष एस सोमनाथ हैं।
ISRO ने अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट अप्रैल 1975 में सोवियत संघ की सहायता से लॉन्च की, 1980 में उपग्रह रोहिणी को स्वदेश निर्मित रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा गया। 2014 में प्रथम प्रयास में मंगल पर जाने वाला पहला देश बना, वह भी सबसे कम खर्च में तथा 2017 में एक साथ 104 उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजना इसके कई सारे उल्लेखनीय एवं महत्वपूर्ण कामों में से हैं।
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FAQ
भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट कौन सा है ?
भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट Vikram-S है |
भारत का पहला निजी रॉकेट किस कंपनी के द्वारा बनाया गया ?
भारत का पहला निजी रॉकेट स्काई रूट प्राइवेट लिमिटेड ( Skyroot Pvt.Ltd ) के द्वारा बनाया गया |