UPSC Syllabus In Hindi :
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आप सभी का एक नए ब्लॉग में आज हम सिविल सर्विस एग्जाम के सिलेबस के बारे में जानेंगे ,जिसे लोक सेवा संघ आयोग(UPSC) के द्वारा कंडक्ट कराया जाता है| यह आयोग सिविल सर्विसेस के अलावा और भी कई तरह के एग्जाम्स कंडक्ट करता है| ऐसे तो लोगों का यह मानना है कि यह एग्जाम भारत का सबसे कठिन एग्जाम है ,लेकिन सही स्ट्रेटजी और प्लानिंग के साथ हम इसे आसानी से पास कर सकते हैं | इस ब्लॉग में हम सिविल सर्विस एग्जाम के सिलेबस के बारे में विस्तार से जानेंगे | पूरी जानकारी के लिए इस ब्लॉग को पूरा पढ़े |

सिविल सर्विसेज की परीक्षा 3 भागों में आयोजित कराई जाती है |
- प्रारंसभक परीक्षा(Preliminary Examination)
- प्रधान परीक्षा(Main Examination)
- साक्षात्कार परीक्षण(Interview)
UPSC Syllabus In Hindi:
अगर आप भी इस परीक्षा की तैयारी इस करना चाहते हैं पर आप सोच रहे हैं कि इसमें कंपटीशन बहुत है तो बिल्कुल भी चिंता मत करिए क्योंकि फॉर्म लाखों बच्चे भरते हैं लेकिन उनमें से कुछ बच्चे ही एग्जाम को लेकर सीरियस रहते हैं प्रारंसभक परीक्षा(Preliminary Examination) बहुत कम बच्चे क्वालीफाई कर पाते हैं |
प्रारंसभक परीक्षा(Preliminary Examination):
प्रारंभिक परीक्षा में अभ्यर्थी को 2 भागों में परीक्षा देनी होती है
- पहला पेपर (सामान्य अध्ययन -I)
- दूसरा पेपर(सामान्य अध्ययन -II)CSAT
प्रारंभिक परीक्षा पैटर्न :Preliminary Examination Pattern
सामान्य अध्ययन -I | सामान्य अध्ययन -II (CSAT) | |
---|---|---|
कुल प्रश्नों की संख्या | 100 | 80 |
कुल अंक | 200 | 200 |
गलत उत्तर के लिए अंकों की कटौती | -1/3 | -1/3 |
परीक्षा की अवधि | 2 घंटा | 2 घंटा |
प्रश्न पत्र का प्रकार | वैकल्पिक प्रश्न | वैकल्पिक प्रश्न |
प्रारंसभक परीक्षा(Preliminary Examination) Syllabus:
(सामान्य अध्ययन -I) सिलेबस:(General Studies-I)Syllabus
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वर्तमान घटनाएं।
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
- भारतीय और विश्व भूगोल-भौतिक, सामाजिक, भारत और विश्व का आर्थिक भूगोल।
- भारतीय राजनीति और शासन-संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि।
- आर्थिक और सामाजिक विकास-सतत विकास, गरीबी, समावेश, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल आदि।
- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे
- सामान्य विज्ञान
(सामान्य अध्ययन -II)CSAT सिलेबस:(General Studies-II) CSATSyllabus
- संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल
- तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता
- निर्णय लेना और समस्या समाधान
- सामान्य मानसिक क्षमता
- बुनियादी संख्या (संख्या और उनके संबंध, परिमाण के आदेश, आदि) (कक्षा X स्तर), डेटा व्याख्या (चार्ट, रेखांकन, तालिकाओं, डेटा पर्याप्तता आदि) – कक्षा X स्तर)
NOTE:
- प्रारंभिक परीक्षा सामान्य अध्ययन-1एक क्वालीफाइंग पेपर है जिसमें 33% अंक लाना अनिवार्य है |उम्मीदवार को यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की दोनों परीक्षाओं में उपस्थित होना अनिवार्य है। दोनों पेपरों में उपस्थित नहीं होने की स्थिति में आपको अयोग्य घोषित कर दिया जायेगा।
- प्रारंभिक परीक्षा का उद्देश्य अभ्यर्थियों को बाद के परीक्षा के चुनाव के लिए होती है |
- प्रारंभिक परीक्षा के अंक अंतिम रैंक सूची में नहीं जोड़ा जाता है |
प्रधान परीक्षा(Main Examination):
प्रधान परीक्षा में अभ्यर्थियों को कुल 9 पेपर की परीक्षा देनी होती है | जिसमें पहला 2 पेपर क्वालीफाइंग पेपर है और 2 पेपर वैकल्पिक विषय का होता है |
प्रधान परीक्षा पैटर्न : Mains Examination Pattern
विषय | कुल अंक |
---|---|
पेपर-ए: अनिवार्य भारतीय भाषा | 300 |
पेपर-बी: अंग्रेजी | 300 |
पेपर-I:निबंध | 250 |
पेपर-II:सामान्य अध्यय-I | 250 |
पेपर-III:सामान्य अध्यय-II | 250 |
पेपर-IV:सामान्य अध्यय-III | 250 |
पेपर-V:सामान्य अध्यय-IV | 250 |
पेपर-VI:वैकल्पिक विषय-V | 250 |
पेपर-VII:वैकल्पिक विषय-II | 250 |
NOTE :
- पेपर-ए और पेपर-बी सिर्फ क्वालीफाइंग पेपर है, इसका अंक अंतिम रैंकिंग में नहीं जोड़ा जाएगा |
- अंग्रेजी तथा भारतीय भाषाओं के प्रश्नों के उत्तर अभ्यर्थियों को अंग्रेजी तथा संबंधित भारतीय भाषाओं मैं देने होंगे |
प्रधान परीक्षा(Main Examination) Syllabus:
पेपर-ए: अनिवार्य भारतीय भाषा
- दिए गए पैसेज की समझ
- सटीक लेखन
- उपयोग और शब्दावली
- लघु निबंध
- अंग्रेजी से भारतीय भाषा में अनुवाद और इसके विपरीत भारतीय भाषा से अंग्रेजी भाषा में अनुवाद
पेपर-बी: अंग्रेजी
- दिए गए पैसेज की समझ
- सटीक लेखन
- उपयोग और शब्दावली
- लघु निबंध
पेपर I: निबंध
उम्मीदवारों को कई विषयों पर निबंध लिखने पड़ सकते हैं इसलिए उम्मीदवारों को निबंध लेखन की अच्छी समझ होनी आवश्यक है।
पेपर-II : (सामान्य अध्ययन- I):भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व और समाज का इतिहास और भूगोल
- प्राचीन काल से आधुनिक समय तक कला रूपों, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू।
- 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय ।
- स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
- स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
- विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति,
- विश्व युद्ध,
- राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन,
- उपनिवेशवाद,
- उपनिवेशवाद की समाप्ति,
- राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद,
- पूंजीवाद,
- समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
- भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता।
- महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।
- भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
- सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
- विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
- विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक।
- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ,
- भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
पेपर-III: (सामान्य अध्यय-II):शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना |
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां,स्थानीय स्तर पर शाक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां ।
- विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान ।
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना ।
- संसद और राज्य विधायिका संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियां एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय ।
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/ अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका ।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकाय की शक्तियां, कार्य सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय और उत्तरदायित्व |
- सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय |
- विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों,विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका ।
- केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय ।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय ।
- गरीबी और भूख से संबंधित विषय ।
- शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका |
- भारत एवं इसके पड़ोसी संबंध।
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार |
- भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच उनकी संरचना, अधिदेश |
पेपर IV: (सामान्य अध्ययन– III): प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन
- भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय |
- समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
- सरकारी बजट।
- मुख्य फसलें देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएं, किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी |
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय जन वितरण प्रणाली उद्देश्य, कार्य, सीमाएं, सुधार, बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय: प्रौद्योगिकी मिशन: पशु-पालन संबंधी अर्थशास्त्र |
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
- भारत में भूमि सुधार |
- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव। बुनियादी ढांचा ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि ।
- निवेश मॉडल |
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव । विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां, देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
- सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कम्प्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौदधिक सम्पदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरूकता।
- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन ।
- आपदा और आपदा प्रबंधन।
- विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध ।
- आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका । संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें . धन-शोधन और इसे रोकना।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध |
- विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश |
पेपर V: (सामान्य अध्ययन- IV): नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि
इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार-व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों का निर्धारण करने के लिए प्रश्न-पत्रों में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है। मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध: मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र मानवीय मूल्य महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका ।
- अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि, सामाजिक प्रभाव और धारणा ।
- सिविल सेवा के लिए अभिरूचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना ।
- भावनात्मक समझ: अवधारणाएं तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग |
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
- लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएं, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं तथा दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतर्रात्मा शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे, कारपोरेट शासन व्यवस्था ।
- शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां ।
- उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)
पेपर VI और VII : वैकल्पिक विषय पेपर I और II
पेपर VIऔर VII में अभ्यर्थियों को वैकल्पिक विषय की परीक्षा देनी होती है | वैकल्पिक विषय की परीक्षा दो भागों में होती है | पेपर Iऔर पेपर II नीचे दी गई सूची में से किसी एक विषय पर अभ्यर्थियों को वैकल्पिक विषय की परीक्षा देनी होती है |
कृषि विज्ञान | पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान | मनुष्य जाति का विज्ञान |
वनस्पति विज्ञान | रसायन विज्ञान | असैनिक अभियंत्रण |
वाणिज्य और लेखा | अर्थशास्त्र | इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग |
भूगोल | गर्भशास्त्र | इतिहास |
कानून | असमिया | बंगाली |
डोगरी | अंग्रेज़ी | गुजराती |
हिंदी | कन्नड़ | कश्मीरी |
सिंधी | संस्कृत | संथाली |
पंजाबी | तामिल | तेलुगू |
मराठी | मलयालम | कोंकणी |
मैथिली | मणिपुरी | नेपाली |
उर्दू | उड़िया | गणित |
मैकेनिकल इंजीनियरिंग | चिकित्सा विज्ञान | दर्शन |
भौतिक विज्ञान | राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय | मनोविज्ञान |
सार्वजनिक प्रशासन | नागरिक सास्त्र | आंकड़े |
प्राणि विज्ञान |
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वैकल्पिक विषय कि सिलेबस की जानकारी विस्तार में जानने के लिए नीचे दिए गए पीडीएफ डाउनलोड कीजिए |
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साक्षात्कार परीक्षण(INTERVIEW)
अगर आप सिविल सर्विस की मुख्य परीक्षा में अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण होते हो उसके बाद सिविल सर्विस की बोर्ड द्वारा आपका साक्षात्कार परीक्षण होगा जिसमें स्वाभाविक वार्तालाप के माध्यम से उम्मीदवार के मानसिक गुणों का पता लगाने का प्रयत्न किया जाता है | परंतु वह वार्तालाप एक विशेष दिशा में और एक विशेष प्रयोजन से किया जाता है साक्षात्कार परीक्षण उम्मीदवारों के विशेष या सामान्य ज्ञान की जांच करने के प्रयोजन से नहीं किया जाता है , क्योंकि उसकी जांच लिखित प्रश्न पत्रों से पहले ही हो जाती है |उम्मीदवारों से आशा की जाती है कि वह न केवल अपने शैक्षणिक विशेष विषयों में ही पारंगत हो बल्कि उन घटनाओं पर भी ध्यान दें जो उनके चारों और अपने राज्य या देश के भीतर और बाहर घट रही है तथा आधुनिक विचारधारा और नई-नई खोजो मेरी रुचि ले जो कि किसी सुरक्षित युवक में जिज्ञासा पैदा कर सकती है |
यूपीएससी सिविल सर्विसेज का फॉर्म कैसे भरें :
यूपीएससी का फॉर्म भरने के लिए आप इनकी ऑफिशल साइट upsc.gov.in पर जा सकते हैं |
निष्कर्ष
UPSC Syllabus In Hindi 2022: यूपीएससी सिलेबस हिंदी में से हमने जाना की सिविल सर्विस परीक्षा की सिलेबस किस प्रकार होती है और मैं आशा करता हूं की आप सभी को भी यह जानकारी अच्छी लगी होगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं की आपको यह पोस्ट कैसा लगा अगर इस में कुछ कमी रही तो उसे भी जरूर बताएं क्योंकि मैं उसे पूरा कर सकूं धन्यवाद ……
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UPSC Syllabus In Hindi F&Q :
यूपीएससी में कुल कितने पेपर होते हैं?
यूपीएससी प्राथमिक परीक्षा में कुल 2 पेपर की परीक्षा अभ्यर्थियों को देनी होती है | यूपीएससी मुख्य परीक्षा में अभ्यार्थियों को कुल 9 पेपर की परीक्षा देनी होती है जिसमें 2 क्वालीफाइंग पेपर होता है और 7 मुख्य पेपर जिसकी अंक अंतिम रैंकिंग में जोड़ी जाती है |
UPSC के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है?
यूपीएससी परीक्षा के लिए कोई अलग से डिग्री नहीं लेनी होती है इस परीक्षा को हर वह व्यक्ति दे सकता है जो भारत में रजिस्टर्ड किसी भी कॉलेज से ग्रेजुएशन की परीक्षा पूरी की हो |
आईएएस कितने साल का होता है?
आईएएस की तैयारी के लिए 2 से 3 साल अधिक है | ग्रेजुएशन के दौरान फर्स्ट ईयर से आप इसकी तैयारी शुरू कर सकते हैं |