भारतीय समृद्धि की नई प्रतीक, नादप्रभु केंपेगौड़ा की स्टेचू ऑफ़ प्रोस्पेरिटी |Statue Of Prosperity Banglore

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स्टेचू ऑफ़ प्रोस्पेरिटी( Statue Of Prosperity)

पिछले कुछ सालों में भारत में प्रतिमा निर्माण को लेकर तेजी आए है, यह प्रतिमा संबंधित व्यक्ति या अन्य का संबंध उनके पूर्व योगदान, गौरवशाली इतिहास एवं महत्व को दर्शाती है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया अनावरण

पिछले दिनों नादप्रभु केंपेगौड़ा की प्रतिमा, स्टेचू ऑफ़ प्रोस्पेरिटी (Statue of Prosperity) उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर एवं पवित्र जल का छिड़काव कर कर्नाटक के बैंगलोर में किया गया, इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी उपस्थित थे।

जिस प्रकार स्टेचू ऑफ यूनिटी (एकता), स्टैचू ऑफ इक्वलिटी (समानता) तथा स्टैचू ऑफ बिलीफ (आस्था) को दर्शाती है ठीक उसी प्रकार स्टेचू ऑफ़ प्रोस्पेरिटी हमारी समृद्धि की नई प्रतीक है।

कौन थे नादप्रभु केंपेगौड़ा ?

नादप्रभु केंपेगौड़ा :- इनका संबंध विजयनगर साम्राज्य से है, यह इस साम्राज्य के अंतर्गत सामंत एवं सेनापति के रूप में अपना योगदान दिया।
इनका पूरा नाम नादप्रभु हिरिया केंपेगौड़ा है, इनका जन्म 27 जून 1510 को तत्कालीन विजयनगर साम्राज्य के येलाहन्का स्थान पर हुआ तथा इनकी मृत्यु 1569 में बेंगलुरु में हुआ।
इनके पिता कैंपाजी गौड़ा तथा माता लिंगाम्मा थी।

कैसे बना बेंगलुरु शहर ?

इन्हें बेंगलुरु शहर की स्थापना तथा समाज की उन्नति में किए गए कामों के लिए जाना जाता है, इन्होंने 1537 में बेंगलुरु शहर की स्थापना किया तथा शहर में मंदिर एवं अन्य इमारतों का निर्माण करवाया।

यह दक्षिणी कर्नाटक के कृषक समुदाय वक्कालिका से संबंध रखते हैं उन्होंने उस समय कृषि की बढ़ोतरी एवं किसानों की सहायता के लिए अनेक जलाशयों का निर्माण करवाया।
Note :- यह समुदाय पिछले दिनों कर्नाटक सरकार द्वारा एससी एसटी का आरक्षण में बढ़ोतरी को लेकर अपने आरक्षण में बढ़ोतरी की मांग के कारण भी चर्चा में रही।

अनावरण के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज जी ने कहा कि “अगर हम इतिहास को भूल गए तो हमारा भविष्य फीका पड़ जाएगा, यह प्रतिमा कर्नाटक के अच्छे दिनों के संकेत हैं”।

इन के सम्मान में बेंगलुरु शहर के हवाई अड्डा तथा मेट्रो स्टेशन का नामांकरण इन्हीं के नाम पर किया गया।
इसके अलावा इनके जन्मदिवस पर कर्नाटक सरकार द्वारा 27 जून 2017 से केंपेगौड़ा जयंती मनाया जाने लगा तथा इनके नाम से केंपेगौड़ा पुरस्कार भी आरंभ किया गया।

Note :- बेंगलुरु शहर को अनेक उपनाम से भी जाना जाता है इसे उद्यानों का शहर, भारत की तकनीकी राजधानी, भारत की सिलिकॉन वैली जैसे नामों से जाना जाता है

स्टैचू ऑफ प्रोस्पेरिटी को क्यों मिला है वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड ?

  • स्टेचू ऑफ़ प्रोस्पेरिटी :- इस प्रतिमा का किसी शहर के संस्थापक की पहली एवं सबसे ऊंची प्रतिमा होने के कारण इससे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
  • यह प्रतिमा कर्नाटक के बंगलुरु ग्रामीण जिला के देवनहल्ली क्षेत्र के केंपेगौड़ा हवाई अड्डा पर पड़ता है।
  • इसकी कुल लंबाई 108 फीट है, इसका वजन 4 टन के तलवार सहित 218 टन है, जिसमें 98 टन कांस्य तथा 120 टन स्टील का उपयोग किया गया।
  • इसके चारों ओर 23 एकड़ में फैले थीम पार्क का निर्माण किया गया।
  • इसका निर्माण जून 2020 में आरंभ किया गया, अगस्त 2022 में पूरा किया गया तथा इसका उद्घाटन 11 नवंबर 2022 को किया गया।
  • इसका निर्माण K N K construction private limited नामक फार्म के द्वारा किया गया।
  • इस प्रतिमा के वास्तुकार पद्मश्री राम वी सुतार है इन्होंने ही स्टेचू ऑफ यूनिटी का भी निर्माण किया।

विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा कौन सी है ?

  • Note :- स्टैचू ऑफ यूनिटी भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा है यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है,जिसकी लंबाई 182 मीटर है, यह गुजरात के केवरिया के नर्मदा घाटी में साधु वेट नामक द्वीप पर है।
  • इसका शुभारंभ सरदार पटेल की 143 में जयंती के शुभ अवसर पर 31 अक्टूबर 2018 को किया गया।
  • इस प्रतिमा को शंघाई सहयोग संगठन के द्वारा जनवरी 2020 को आठवें अजूबे के रूप में स्वीकृत किया गया।

विश्व की 5 सबसे ऊंची प्रतिमा :-

प्रतिमा के नामऊंचाई / देश
स्टेचू ऑफ यूनिटी 182 मीटर – भारत
स्प्रिंग टेंपल बुद्धा128 मीटर – चीन
laykyun sekkya116 मीटर – म्यान्मार
स्टैचू आफ बिलीफ106 मीटर – भारत
Ushiku Daibustu100 मीटर – जापान

कर्नाटक :- यह पूर्व समय में मैसूर राज्य के नाम से प्रसिद्ध था, इसकी स्थापना 1 नवंबर 1956 को मैसूर से अलग करके किया गया।वर्तमान में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई तथा राज्यपाल थावरचंद गहलोत है,इसकी राजधानी बंगलुरु है इसका क्षेत्रफल 1,91,791 वर्ग किलोमीटर है तथा आबादी जनवरी 2022 के अनुसार 6 करोड़ 61 लाख के करीब है।वर्तमान में यहां पर भाजपा की सरकार है, यहां विधान परिषद की 75 सीट, विधानसभा की 225 सीट, राज्यसभा के 12 तथा लोकसभा की 28 सीट है, यहां की अधिकारिक भाषा कन्नड़ है।

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यह भी पढ़ें :-PM Shri Yojna 2022| पीएम श्री योजना क्या है ?

FAQ

विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा कौन सी है ?

– स्टैचू ऑफ यूनिटी भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा है |

स्टैच्यू ऑफ प्रोस्पेरिटी की ऊंचाई कितनी है ?

इसकी कुल लंबाई 108 फीट है, इसका वजन 4 टन के तलवार सहित 218 टन है, जिसमें 98 टन कांस्य तथा 120 टन स्टील का उपयोग किया गया।

स्टैचू ऑफ प्रोस्पेरिटी का उद्घाटन कब किया गया ?

इसका निर्माण जून 2020 में आरंभ किया गया, अगस्त 2022 में पूरा किया गया तथा इसका उद्घाटन 11 नवंबर 2022 को किया गया।


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