रामप्पा मंदिर एवं PRASAD योजना।Rampa Mandir World Heritage Site

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भारत प्राचीन काल से ही अपने मंदिर निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। भारतीय मंदिर भारत के संपन्नता, समृद्धि, उत्कृष्टता एवं आस्था की भावना के प्रतीक के रूप में जानी जाती है, यहां के मंदिर अद्भुत निर्माण शैली, प्राचीन इंजीनियरिंग एवं वैज्ञानिक पद्धति, अद्भुत एवं आश्चर्यजनक संरचना के लिए प्रसिद्ध है। आज भी कई सारे भारतीय मंदिर के संरचना के रहस्य लोगों के लिए एक पहेली बनी हुई है।
परंतु भारत के प्राचीन विरासत स्थल एवं निर्माण के अनूठे उदाहरण समय के साथ सौंदर्य एवं महत्व को खोता जा रहा है।
इसकी को ध्यान रख सरकार द्वारा मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं संरक्षण कई योजना के माध्यम से किया जा रहा है।

Rampa Mandir
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पिछले दिनों भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के द्वारा रामप्पा मंदिर और भद्राचलम मंदिर समूह के तीर्थाटन एवं बुनियादी ढांचा के विकास के लिए आधारशिला रखा गया।

यह कार्य PRASAD ( तीर्थ यात्रा कायाकल्प और अध्यात्मिक संवर्धन अभियान) योजना के तहत किया जा रहा है।

रामप्पा मंदिर भारत के विश्व विरासत स्थल ( world heritage site) में शामिल है।

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रामप्पा मंदिर के बारे में जानकारी:-

  • रामप्पा मंदिर या रुद्रेश्वर मंदिर तेलंगाना के मुलुगू जिले के पालमपेट गांव में स्थित है, यह एक शिव मंदिर है जिसे राम लिंगेश्वर मंदिर भी कहा जाता है।

  • यह मंदिर 1213 ईस्वी में काकतीय वंश के राजा गणपति देव के शासन में रचेरोला रुद्र की देखरेख में बनाया गया।
    यह एकमात्र मंदिर है जिसका नाम उसके निर्माणकर्ता के नाम पर रखा गया |
  • इस मंदिर का निर्माण रमप्पा नाम के व्यक्ति द्वारा किया गया, इन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष इस मंदिर के निर्माण एवं समृद्धि में दिया।
  • यह 800 वर्ष से अधिक पुरानी मंदिर भारत की समृद्ध एवं उत्कृष्ट सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक है, साथ ही यह मंदिर अपने बेहतरीन निर्माण शैली, वैज्ञानिक पद्धति एवं अद्भुत कलाकारी के लिए भी जानी जाती है।

  • इस मंदिर को इंजीनियरिंग का चमत्कार भी कहा जाता है। इसकी नींव को सेंडबॉक्स तकनीक से बनाया गया है जो कि भूकंप रोधी होता है।

  • इस मंदिर में विशेषकर लाल बलुआ पत्थर का प्रयोग किया गया है, यह पत्थर पानी में तैरता है।

  • मंदिर के स्तंभ से हवा टकराने से संगीतमय ध्वनि उत्पन्न होती है।

  • इस मंदिर को जुलाई 2021 में यूनेस्को द्वारा भारत के 39में विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित किया गया, भारत सरकार द्वारा इसका प्रस्ताव वर्ष 2019 में रखा गया था।

PRASAD (pilgrimage rejuvenation and spiritual augmentation drive)योजना:-

यह तीर्थ यात्रा कायाकल्प और अध्यात्मिक संवर्धन अभियान योजना भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में आरंभ किया गया। इस परियोजना के तहत भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस उत्कृष्ट धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है, जिसका खर्च केंद्र सरकार करती है।
इसका मुख्य उद्देश्य – स्थाई रूप से पर्यटन को बढ़ावा देना, पर्यटन से रोजगार को जोड़ना एवं अतिरिक्त आय के साधन को विकसित करना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले।
स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, व्यंजन को बढ़ावा देना ताकि विश्व स्तर पर एक पहचान मिले।

यूनेस्को ( United Nations education scientific and cultural organization) :-

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन की स्थापना 16 नवंबर 1945 को लंदन में हुआ, इसका मुख्यालय पेरिस में है।
यह संस्था शिक्षा, बौद्धिक माता एवं संस्कृति से जुड़े कार्यों पर ध्यान देती है जिसके अंतर्गत विश्व के ऐसे स्थलों के पहचान करती है जो अपने अनूठे निर्माण शैली, विशेषता, ऐतिहासिक महत्व, प्राचीनता प्राचीन वैज्ञानिक पद्धति के लिए प्रसिद्ध हो। ऐसे स्थलों को विश्व विरासत स्थल में शामिल कर उसकी एक वैश्विक पहचान देती है एवं उसके संरक्षण और विकास के लिए भी सहयोग करती है।

भारत के विश्व विरासत स्थल

भारत में पहली बार 1983 में अजंता की गुफा, एलोरा की गुफा आगरा का किला तथा ताजमहल को विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया, भारत में कुल 40 विश्व विरासत स्थल है, जिनमें 32 सांस्कृतिक,7 प्राकृतिक तथा एक मिश्रित श्रेणी के हैं।
हड़प्पा कालीन शहर धौलावीरा भारत का 40 वां विश्व विरासत स्थल है।
इन सबके अलावा भारत में 14 अमूर्त सांस्कृतिक विरासत भी है, साल 2021 में कोलकाता के दुर्गा पूजा को 14 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में शामिल किया गया।

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FAQ

रामप्पा मंदिर मंदिर कहां स्थित है ?

रामप्पा मंदिर या रुद्रेश्वर मंदिर तेलंगाना के मुलुगू जिले के पालमपेट गांव में स्थित है, यह एक शिव मंदिर है जिसे राम लिंगेश्वर मंदिर भी कहा जाता है।

PRASAD योजना क्या है ?

इस परियोजना के तहत भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस उत्कृष्ट धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है, जिसका खर्च केंद्र सरकार करती है।

UNESCO क्या है ?

यह संस्था शिक्षा, बौद्धिक माता एवं संस्कृति से जुड़े कार्यों पर ध्यान देती है जिसके अंतर्गत विश्व के ऐसे स्थलों के पहचान करती है जो अपने अनूठे निर्माण शैली, विशेषता, ऐतिहासिक महत्व, प्राचीनता प्राचीन वैज्ञानिक पद्धति के लिए प्रसिद्ध हो |


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