
काशी तमिल संगम, विश्वेश्वर महादेव की रामेश्वर महादेव से मिलन।
हमारा देश भारत उत्तर से लेकर दक्षिण तथा पूरब से लेकर पश्चिम विविधताओं से युक्त है, यहां पर भिन्न भिन्न प्रकार की धर्म, संस्कृति, परंपरा, खानपान, जीवन शैली को मानने एवं अपनाने वाले लोग निवास करते हैं। अपने जीवन जीने के तौर-तरीकों पर गर्व करते हैं, इसके साथ ही दूसरे समूह के लोगों काफी सम्मान करते हैं तथा उनकी संस्कृति परंपरा एवं जीवन शैली के बारे में जानने या सीखने के लिए भी उत्सुक रहते हैं।
विभिन्न धर्म, संस्कृति, परंपरा, खानपान जीवन शैली को मानने वाले लोगों लोगों के आपसी सद्भाव, विचारों का आदान-प्रदान एवं विविधता में एकता बनाए रखने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार भी कई तरह के आयोजनों करती है।

उत्तर प्रदेश के काशी में आयोजित किया जाएगा काशी तमिल संगम का भव्य समारोह
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी तमिल संगम समारोह का आयोजन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा है |
यह समारोह 16 नवंबर से 17 नवंबर 2022 चलेगा, जिसका उद्घाटन औपचारिक रूप से भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 19 नवंबर को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के एंफीथियेटर मैदान में किया जाएगा।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य तमिलनाडु तथा काशी के पुराने संबंधों को उजागर करना एवं दोनों के बीच सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत संबंधों को मजबूत करना है।
Kashi Tamil Sangamam is a unique programme. It gives a special opportunity to celebrate and reaffirm our deep rooted bonds. pic.twitter.com/IqrRWRGtIn
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2022
इस आयोजन का पहल “एक भारत श्रेष्ठ भारत” थीम पर किया गया।
Note :- एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना की पहल सरदार वल्लभ भाई पटेल की 140 में जयंती 31 अक्टूबर 2015 को आरंभ किया गया, जिसका उद्देश विभिन्न राज्यों एवं प्रदेशों के बीच सांस्कृतिक परंपराओं और प्रथाओं के ज्ञान से राज्यों के बीच समझ और संबंधों की घनिष्ठा को बढ़ाना है।
इस 1 माह तक चलने वाले कार्यक्रम के knowledge Partner भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय होंगे तथा यूपी इसके मेजबान राज होंगे।
काशी तमिल संगम कार्यक्रम से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
कार्यक्रम दोनों शहरों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारी, कारीगर, कलाकार, एवं तमाम अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों को एक साथ आने एवं अपने ज्ञान, संस्कृति एवं सर्वोत्तम प्रथा साझा करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
इसके लिए विद्वानों एवं आए हुए गणमान्य लोगों के बीच संगोष्ठी, व्याख्यान, चर्चा, सम्मेलन इत्यादि का आयोजन किया जाएगा, जिसमें साहित्य, प्राचीन ग्रंथ, दर्शन, अध्यात्म, संगीत, नृत्य, नाटक आयुर्वेद इत्यादि पर चर्चा की जाएगी।
तमिलनाडु से आए हुए लोगों को वाराणसी के दर्शनीय स्थल भ्रमण कराया जाएगा एवं गंगा आरती के आयोजन में भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही काशी के हनुमान घाट पर बसे 200 तमिल परिवारों के लघु तमिलनाडु भी ले जाया जाएगा, यह परिवार सैकड़ों वर्ष पूर्व तमिलनाडु से यहां आकर बस गए, वाराणसी के भ्रमण के पश्चात लोगों को प्रयागराज एवं अयोध्या के दर्शनीय स्थानों का भी भ्रमण करवाया जाएगा।
उत्तर भारत में तमिलनाडु की संस्कृति की जानकारी के लिए वहां के हथकरघा, हस्तशिल्प, पुस्तके, वृतचित्रों, व्यंजनों, कलाकृति, इतिहास, पर्यटन स्थलों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए तमिलनाडु से 2500 से अधिक लोग 12 श्रेणियों के तहत आएंगे तथा 8 दिन के लिए यहां प्रवास करेंगे।
यह प्रयास नई शिक्षा नीति (National education policy) 2020 के अनुरूप है, जिसके तहत आधुनिक ज्ञान प्रणाली को प्राचीन ज्ञान प्रणाली से जोड़ना है,ध्यान रहे कि काशी एवं तमिलनाडु दोनों की भारत के महत्वपूर्ण प्राचीन शिक्षा केंद्र हैं।
तमिलनाडु और वाराणसी
तमिलनाडु और वाराणसी यह दोनों ही भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं शिक्षा के प्राचीन केंद्र हैं, वाराणसी की भांति यहां पर मद्रास, कोयंबटूर, कांचीपुरम प्राचीन शिक्षा के केंद्र है।
इसके अलावा शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से विश्वेश्वर महादेव वाराणसी तथा रामेश्वर महादेव रामेश्वरम, तमिलनाडु में पड़ता है।
तमिलनाडु में कई सारे शिव मंदिर है जैसे बृहदेश्वर मंदिर तंजावुर, थिलाई नटराज मंदिर चिदंबरम, एकंबरेश्वर मंदिर कांचीपुरम, गंगाईकोंडचोलापुरम मंदिर तंजावुर है।
हम उम्मीद करते हैं की इस आयोजन का आने वाले समय में कुछ सार्थक परिणाम निकले और भविष्य में भी अलग-अलग परंपरा संस्कृति खानपान प्रथाओं को मानने वाले राज्यों के बीच इसी तरह के आयोजन होना चाहिए, जिससे वह अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सके और विविधताओं से भरा इस देश में एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना में मजबूती मिले।
हम आशा करते हैं कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो, अगर इस जानकारी से आपको कुछ सीखने मिला हो ,तो अपने दोस्तों तक भी इसे जरूर पहुंचाएं ….धन्यवाद…!!!!
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FAQ
काशी तमिल संगम समारोह कहां आयोजित होगी ?
काशी तमिल संगम समारोह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित होगी |
काशी तमिल संगम समारोह कितने दिन चलेगी ?
काशी तमिल संगम समारोह लगभग 1 महीने तक चलेगी 17 नवंबर 2022 से लेकर 16 दिसंबर 2022 तक |