ISRO Ka Mission 06-PSLV C- 54 : इसरो एक ऐसा संस्था है जो भारत के क्षमता, ज्ञान, मेहनत, तकनीक क्षमता, बौद्धिक स्तर का प्रतिनिधित्व करती है। यह संस्था अपने प्रदर्शन के दम पर आज के समय में भारतीयों का सर गर्व से ऊंचा करती है, यह अंतरिक्ष की दुनिया के क्षेत्र में ज्ञान अर्जित करने, आत्मनिर्भर बनने एवं स्वालंबन बनने की मौका देती है।
यह हरेक साल कुछ अदभुत कार्य कर अपना महत्व दुनिया में बनाए रखा है। सस्ते एवं पहली बार में सफल मंगलयान, चंद्रमा पर पानी की खोज, एक साथ 104 उपग्रह को भेजना, NAVIK नौवहन प्रणाली जैसे अनेक काम।

क्या है इसरो का मिशन- 06
ISRO ने PSLV C 54/EOS-06 मिशन को 26 नवंबर 2022 को लॉन्च करने वाला है, यह मिशन इसरो की launchpad सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र,श्रीहरिकोटा से लांच करेगा।
इस मिशन में Oceansat -03 उपग्रह के साथ 8 नैनो उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। जिसमें भूटान का भूटानसैट, पिक्सेल कंपनी के आनंद, ध्रुव स्पेस कंपनी के 2 थोयबोल्ट, अमेरिकी स्पेस फ्लाइट कंपनी के एस्ट्रोकास्ट के 4 उपग्रह शामिल है।
यह इसरो का 84th मिशन तथा साल 2022 का 5th मिशन है तथा पीएसएलवी रॉकेट का 56 th है।
इसका कुल वजन 960 किलोग्राम है तथा इसे सूर्य समकालीन कक्षा में 720 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया।
Earth observation sattelite Oceansat -03
Oceansat -03:- यह इसरो के द्वारा निर्मित एवं संचालित पृथ्वी अवलोकन उपग्रह Earth observation sattelite की श्रृंखला के उपग्रह है।
यह मुख्य रूप से समुद्र विज्ञान और वायुमंडलीय अध्ययन के लिए जाना जाता है, यह उपग्रह समुंद्री भौतिक परिवर्तन जैसे चक्रवात, सुनामी आदि का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम होगा। इसके साथ यह वायुमंडल में क्लोरोफिल सांद्रता, फोटो प्लांकटन ब्लूम और वायुमंडलीय एरोसोल कण का अवलोकन करेगा।
इस उपग्रह के साथ ओशन कलर मॉनिटर (OCM), सी सर्फेस टेंपरेचर मॉनिटर (SSTM), K U बैंड स्कैटरोमीटर जैसे उपकरण भेजे जाएंगे, जोकि पहले से मौजूद Oceansat 2 उपग्रह की निरंतरता बनाए रखने में मदद करेगी।
Oceansat श्रृंखला की पहली उपग्रह Oceansat 1 को 1999 में PSLV C 2 के द्वारा भेजा गया तथा Oceansat 2 को साल 2009 में PSLV C 14 के द्वारा भेजा गया।
- थायोबोल्ट – एक संचार उपग्रह हैं।
- आनंद -छोटा पृथ्वी अवलोकन कैमरा प्रदर्शन और वाणिज्य प्रदर्शन उपग्रह
- एस्ट्रोकास्ट – इंटरनेट ऑफ थिंग्स के तकनीकी प्रदर्शन करेगा।
ग्रह के प्रक्षेपण हेतु विभिन्न कक्षा के सीमा
Geostationary Earth orbit | Approx 35780 km |
Lower Earth orbit | 160-200 km |
Medium Earth orbit | 10000 km |
Sun-synchronous orbit | 600-800 km |
Geostationary transformer orbit | 37000 km |
PSLV (Polar satellite launch vehicle)
- यह भारत की उपग्रह को भेजने वाला यान है।
- इसने अपनी पहली उड़ान 20 सितंबर 1993 में भरा।
- इसी श्रृंखला के रॉकेट PSLV C 11 के द्वारा चंद्रयान-1 को भेजा गया।
- नवंबर 2013 को PSLV C25 के द्वारा मंगलयान को भेजा गया तथा फरवरी 2017 को PSLV 37 के द्वारा 104 उपग्रह को भेजा गया।
Indian Space Research Organisation
यह भारत का सरकारी संस्था है, जिसका मुख्य काम अंतरिक्ष संबंधित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष एस सोमनाथ हैं तथा इसका मुख्यालय बैंगलोर है।
इसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुआ, हालांकि इसकी शुरुआत 1961 से ही आरंभ हो गया रूस द्वारा स्पूतनिक उपग्रह को लॉन्च करने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू तथा भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के जनक विक्रम साराभाई ने इस क्षेत्र पर ध्यान देने की शुरुआत की। अंतरिक्ष अनुसंधान को 1961 में परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत रखा गया तथा 1962 में “अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय कमेटी” (INCOSPAR) की स्थापना की गई। यही Indian national committee for space research आगे चलकर ISRO बना।
ISRO के आगामी मिशन
- chandrayaan-3 – चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग -जून 2023
- गगनयान -अंतरिक्ष में मानव भेजना -2024
- मंगलयान 2 -मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए लैंडर तथा रोवर को भेजना -2024
- आदित्य L1 – सौर कोरोना के अध्ययन- मार्च 2023
- शुक्रयान – शुक्र ग्रह के अध्ययन – 2024
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FAQ
इसरो(ISRO) की स्थापना कब हुई
यह भारत का सरकारी संस्था है, इसकी स्थापना 15 अगस्त 1969 को हुआ |
इसरो का मिशन- 06 pslv c-54 क्या है ?
ISRO ने PSLV C54/EOS-06 मिशन को 26 नवंबर 2022 को लॉन्च करने वाला है,इस मिशन में Oceansat -03 उपग्रह के साथ 8 नैनो उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा |