
INS मुर्मोगाओ : पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार द्वारा सैन्य मजबूती के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जा रहा है, खासकर नौसेना के क्षेत्र में। एक बड़े राष्ट्र के पास मजबूत नौसेना होना बहुत ही आवश्यक है, यह नौसेना हमारी 7500 अधिक लंबाई की तटीय सीमा की सुरक्षा, बचाव कार्य, निगरानी, व्यापार की सुगमता एवं दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अति आवश्यक है।

INS मोरमुगाओ को किया गया नौसेना में शामिल
INS Mormugao : पिछले दिनों में 18 दिसंबर 2022 को भारत में सबसे उन्नत एवं अत्याधुनिक विध्वंसक(Destroyer) युद्धपोत INS मोरमुगाओ को नौसेना में शामिल कर लिया।
इस डेस्ट्रॉयर को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख आर हरि कुमार, एवं गोवा मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की उपस्थिति में शामिल किया गया।
यह डेस्ट्रॉयर नाभिकीय, जैविक, रसायनिक (NBC) हमले के वातावरण में भी युद्ध कर सकता है।
डेस्ट्रियर (Destroyer) क्या होता है?
यह वजन, आकार, उपकरण एवं हथियार क्षमता के मामले में फ्रिगेट से बड़ा तथा विमानवाहक पोत से छोटा होता है, इसे बड़े युद्ध में उपयोग में लाया जाता है।
Indian Navel ship मोरमुगाओ के बारे में जानकारी :-
इसे मझगांव डाक शिपयार्ड मुंबई द्वारा बनाया तथा डिजाइन warship ब्यूरो मझगांव द्वारा किया गया ।
इसका निर्माण आरंभ जून 2015 में किया गया, समुद्री परीक्षण के लिए इसे सितंबर 2016 में लांच किया गया तथा 18 दिसंबर 2022 को नौसेना में शामिल किया गया।
इसका वजन 7400 टन, लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर, तथा गति 55 किलोमीटर प्रति घंटा हैं।
इसमें निगरानी के लिए अत्याधुनिक सेंसर एवं रडार हैं, दुश्मन के जहाज, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, मिसाइल से सुरक्षा के लिए भारत एवं इजरायल निर्मित 32 बराक8 मिसाइल तैनात है, 16 ब्रह्मोस antiship मिसाइल है, दुश्मन पनडुब्बी को नष्ट करने के लिए एंटी सबमारिन रॉकेट लॉन्चर, टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर लगे हैं।
इसके अलावा 76mm super rapid gun लगा हैं। इन सब हथियार से 70 किलोमीटर हवा तथा 300 मीटर सतह पर दुश्मन को नष्ट कर सकता हैं।
इसपर दो हेलीकॉप्टर उतरने के जगह भी है, साथ ही 300 सैनिक के रहने के भी व्यवस्था है। इसका निर्माण खर्च 9000 करोड़ है, इसमें 75% भारतीय उपकरण लगा हुआ है।
यह एक स्टील्थ गाइडेड डिस्ट्रॉयर है, जिस कारण यह दुश्मन के रडार में आसानी से नहीं आएगा।
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प्रोजेक्ट 15B क्या है ?
भारतीय नौसेना की मजबूती एवं हिन्द महासागर में अपनी दबदबा बनाए रखने के आरंभ किया गया।
इसे साल 2011 में आरंभ किया गया, इसके तहत भारत में विशाखापत्तनम श्रेणी के अंदर 4 स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर का निर्माण किया जाना है। ये डेस्ट्रोयर विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ, इंफाल और सूरत हैं।
इसका कुल बजट 35800 करोड़ हैं।
भारत के डिस्ट्रॉयर :-
- भारत का पहला डेस्ट्रॉयर INS रंजीत हैं जोकि यूनाइटेड किंगडम से खरीदा गया।
- भारत में वर्तमान में INS मोरमुगाओं समेत कुल 11 डेस्ट्रॉयर तैनात हैं।
- भारत में स्वदेशी डिस्ट्रॉयर निर्माण 1990 से प्रारंभ हुआ।
अलग-अलग श्रेणी में आने वाले डिस्ट्रॉयर
दिल्ली श्रेणी :- इसे प्रोजेक्ट 15 के तहत बनाया गया,इसमें तीन डेस्ट्रॉयर INS दिल्ली, मैसूर, मुंबई बनाया गया।
कोलकाता श्रेणी:- इसे प्रोजेक्ट 15 A के तहत बनाया गया, इसमें भी तीन डेस्ट्रॉयर INS कोलकाता, कोच्चि, चेन्नई बनाई गई, ये सभी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर है।
विशाखापत्तनम श्रेणी :- इसे प्रोजेक्ट 15B के तहत आरंभ किया गया, इसके पहले डेस्ट्रॉयर INS विशाखापत्तनम को नौसेना में नवंबर 2021 में शामिल किया गया।
इसी श्रेणी में INS मोरमुगाओ आता है और अन्य दो इस इंफाल एवं सूरत हैं।
राजपूत श्रेणी :- श्रेणी के युद्धपोत सोवियत संघ के द्वारा बनाया गया इसमें INS राणा, रणवीर, रणविजय शामिल हैं।
भारत ,चीन ,पाकिस्तान के पास क्रमशः11,50,2 डेस्ट्रॉयर हैं।
INS मुर्मोगाओ से होने वाले लाभ :-
- इससे भारत को अपने दुश्मनों के प्रति आक्रामक एवं सुरक्षात्मक मजबूती मिलेगी।
इस डिस्ट्रॉयर से भारतीय नौसेना को मजबूती मिलेगी।
यह युद्ध के विकट परिस्थितियों में नाभिकीय, जैविक, रसायनिक हमलों के वातावरण के बीच युद्ध करने में सझम होगा, जोकि भारत के लिए एक मजबूत पक्ष होगा। - इस डेस्ट्रॉयर को आत्मनिर्भर योजना के तहत भारत में ही बनाया गया है जिससे रोजगार की प्राप्ति होगी तथा इसका खर्च का करीब दो तिहाई हिस्सा भारत में ही रहेगा।
- इस डेस्ट्रॉयर के निर्माण से भारतीय इंजीनियरों को पोत निर्माण की शैली में उत्कृष्टता मिलेगी।
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FAQ
डेस्ट्रियर (Destroyer) क्या होता है?
यह वजन, आकार, उपकरण एवं हथियार क्षमता के मामले में फ्रिगेट से बड़ा तथा विमानवाहक पोत से छोटा होता है, इसे बड़े युद्ध में उपयोग में लाया जाता है।
INS मोरमुगाओ को किसके द्वारा बनाया गया ?
इसे मझगांव डाक शिपयार्ड मुंबई द्वारा बनाया तथा डिजाइन warship ब्यूरो मझगांव द्वारा किया गया ।
INS मोरमुगाओ को भारतीय नौसेना में कब शामिल किया गया ?
INS मोरमुगाओ को 18 दिसंबर 2022 को नौसेना में शामिल किया गया।
INS मोरमुगाओ की लंबाई, चौड़ाई ,गति कितनी है ?
इसका वजन 7400 टन, लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर, तथा गति 55 किलोमीटर प्रति घंटा हैं।