लद्दाख के रक्तसे कार्पो, महाराष्ट्र के सफेद प्याज, तेलंगाना के तंदूर रेडग्राम, असम के गमोचा को मिला GI Tag |India got GI Tag on 9 New Products

Spread the love

Rate this post

भारत के कुल 9 उत्पादों को मिला जी आई टैग : विश्व के सभी देशों एवं राज्यों के कुछ स्थानीय उत्पाद होती है, जो कि अपना अनूठे गुणों के कारण एक विशेष महत्व रखती है। इसी तरह के उत्पाद के विशेष गुणों को देश- विदेश में प्रचलित करने के लिए एक विशेष संकेतक भौगोलिक संकेतक – GI टैग दिया जाता है, ताकि इसकी विशेषता का फैलाव देश- विदेश में भी हो और अन्य क्षेत्रों के लोगों की इसके गुणों से परिचित हो सकें।

GI TAG (Geographical Indication Tag )

पिछले दिनों भारत सरकार द्वारा घोषणा की गई कि लद्दाख के खुबानी की एक किस्म रक्तसे कार्पो, असम के गमोचा, महाराष्ट्र के अलीबाग के सफेद प्याज तथा तेलंगाना के तंदूर रेड ग्राम समेत कुल 9 उत्पाद को Geographical Indication-GI टैग प्राप्त हुआ।

India got GI Tag on 9 New Products
KNOWLEDGE MEDIA

NOTE : अब भारत में कुल GI टैग उत्पादों की संख्या 432 हो गई है जिसमें 401 भारतीय मूल के तथा 31 विदेशी मूल के उत्पाद शामिल है।

आइए इन प्रमुख उत्पादन के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

लद्दाख की खुबानी:-

यह लद्दाख की प्रसिद्ध एवं महत्वपूर्ण फल है इसे स्थानीय लोगों में चूली के नाम से जाना जाता है।
लद्दाख कुल खुबानी का अकेले 62 % उत्पादन कर देश में प्रथम राज्य है। यहां पर कुल 2300 हेक्टर भूमि पर इसकी खेती होती है।
खुबानी को दो श्रेणी में बांटी गई है –

  1. स्वाद के आधार पर :-
  • कड़वी गुठली वाले -इसे खंते भी कहते हैं यह कड़वा होता है।
  • मीठी गुठली वाले – इसे न्यारामो कहते हैं यह मीठा होता है।

2. बीज के रंग के आधार पर :-

  • सफेद बीज वाले- इसे रक्तसे कार्पो कहा जाता है, इसे ही GI टैग प्राप्त हुआ, इसमें रक्तसे का अर्थ बीज तथा karpo का अर्थ सफेद है
  • भूरे बीज वाले – इसे रक्तसे नाकापो कहा जाता है, इसका बीज काला रंग का होता है।
Join Our Telegram GroupClick Here
Join Our WhatsApp GroupClick here

असम का गमोसा :-

इसे असम में पहचान तथा गौरव का प्रतीक माना जाता है। गमोसा का अर्थ तोलिया होता है, यह लाल बॉर्डर वाला तथा अलग-अलग डिजाइन से बना हुआ एक परिधान है, जो कि हाथ से बुना हुआ सूती आयताकार कपड़ा होता है। त्योहार या विशेष अवसर पर परंपरा के अनुसार सम्मान के तौर पर बुजुर्ग तथा मेहमान को दिया जाता है।

महाराष्ट्र के अलीबाग के सफेद प्याज:-

महाराष्ट्र के अलीबाग तालुका के आसपास इलाकों में उगाए जाने वाले
इस प्याज की एक अपनी अलग ही पहचान तथा भौगोलिक महत्व है। सफेद प्याज एंटीऑक्सीडेंट एवं एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है इसमें इंथोसिनिन एवं केवरसेटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जोकि कैंसर को रोकने में सहायक होता है।
यह प्याज अन्य की तुलना में अधिक मीठा, टिकाऊ, काटने के समय आंसू नहीं आना तथा आसानी से पकने वाला होता है।
यह अपने औषधीय गुणों के कारण हृदय रोग, कोलेस्ट्रोल, ब्लड शुगर के रोकथाम में भी सहायक होता है।

तेलंगाना के तंदूर रेड ग्राम :-

यह तेलंगाना के तंदूर एवं आसपास के क्षेत्र में उगाई जाने वाली अरहर की एक किस्म है। यह अरहर प्रोटीन (24%) की अधिकता एवं विशेष स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। इसके स्वाद के पीछे की वजह यह है कि यहां पाएं जाए जाने वाले गहरी काली मिट्टी में चूना पत्थर जैसे खनिजों की अधिकता है।

भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication)-GI tag :-

इसे विश्व व्यापार संघ (WTO) के द्वारा संचालित किया जाता है।
यह एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाली कृषि उत्पाद, प्राकृतिक या कृत्रिम उत्पाद, हाथों से की गई विशेष कलाकृति (handicraft) के उत्पाद एवं औद्योगिक उत्पाद जैसे वस्तु जिसकी अपनी अनूठी गुणवंता, भौगोलिक विशेषता एवं ख्याति हो, उसे प्रदान किया जाता है।
भारत माल के लिए भौगोलिक संकेतक( पंजीकरण एवं संरक्षण) अधिनियम 1999 के द्वारा इसमें शामिल हुआ। जो कि 2003 से प्रभावी हुआ तथा भारत का पहला उत्पाद दार्जिलिंग की चाय बनी, जिसे 2004 में gi टैग प्रदान किया गया।
Gi टैग प्राप्त उत्पाद के मामले में भारत के शीर्ष राज्य कर्नाटक(48), तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र हैं।

विश्व में सबसे अधिक GI टैग प्राप्त करने वाला देश जर्मनी है।

जीआई टैग प्राप्त करने के लिए निजी व्यक्ति, समूह या संस्था के द्वारा आवेदन करना होता है। इसके बाद उसकी गहन जांच पड़ताल के पश्चात यह संकेत दिया जाता है, जो कि अगले 10 वर्षों के लिए मान होता है तत्पश्चात उसे जारी रखने के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन करना होता है।

GI tag प्राप्त होने से उत्पाद का देश विदेश में पहचान मिलती है, जिससे उस उत्पाद की मांग बढ़ती है और उससे संबंधित लोगों की आय में वृद्धि भी होती है।

हम आशा करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आई होगी, अगर हमसे कुछ गलती हुई हो तो हमें कमेंट में जरूर बताएं |इसी तरह की जानकारी पाने के लिए आप हमारे टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर ज्वाइन हो सकते हैं |

इन्हें भी पढ़ें :- अग्नि 5 मिसाइल, भारत की शान दुश्मन की काल।Agni-5 Missile Tested Succesfully

अमेरिकी वैज्ञानिक की ऐतिहासिक सफलता, नाभिकीय संलयन से प्राप्त की ऊर्जा।Nuclear Fusion Breakthrough

आयुष्मान कार्ड कैसे बनवाएं, आयुष्मान भारत योजना क्या है, हॉस्पिटल लिस्ट |Ayushman Card Kaise Banwaye,Apply online

Important Links :-

Join Our Telegram GroupClick Here
Join Our WhatsApp GroupClick here

FAQ

जीआई टैग क्या है ?

यह एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाली कृषि उत्पाद, प्राकृतिक या कृत्रिम उत्पाद, हाथों से की गई विशेष कलाकृति (handicraft) के उत्पाद एवं औद्योगिक उत्पाद जैसे वस्तु जिसकी अपनी अनूठी गुणवंता, भौगोलिक विशेषता एवं ख्याति हो, उसे प्रदान किया जाता है।

हाल ही में भारत के कितने उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हुआ है ?

पिछले दिनों भारत सरकार द्वारा घोषणा की गई कि लद्दाख के खुबानी की एक किस्म रक्तसे कार्पो, असम के गमोचा, महाराष्ट्र के अलीबाग के सफेद प्याज तथा तेलंगाना के तंदूर रेड ग्राम समेत कुल 9 उत्पाद को geographical indication-GI टैग प्राप्त हुआ।

विश्व में सबसे ज्यादा टाइप प्राप्त करने वाला देश कौन सा है ?

विश्व में सबसे अधिक GI टैग प्राप्त करने वाला देश जर्मनी है।

जीआई टैग प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या है ?

जीआई टैग प्राप्त करने के लिए निजी व्यक्ति, समूह या संस्था के द्वारा आवेदन करना होता है। इसके बाद उसकी गहन जांच पड़ताल के पश्चात यह संकेत दिया जाता है, जो कि अगले 10 वर्षों के लिए मान होता है तत्पश्चात उसे जारी रखने के लिए फिर से रजिस्ट्रेशन करना होता है।


Spread the love

Leave a Comment