हिंद प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2022।Hind Prashant Chetra vivaad,4th Indo Pacific Region Dialouge

Spread the love

Rate this post

हमारी पृथ्वी दो भागों में विभाजित है, जिसमें स्थलीय भाग(29%) तथा जलीय भाग(71%) है। स्थलीय भाग अंटार्कटिका समेत सात महाद्वीपों के करीब 200 देश तथा कुछ द्वीपों में विभक्त है तथा जलीय भाग मुख्य रूप से आधुनिक भूगोल विशेषज्ञों के अनुसार पांच महासागरों में विभाजित है।

हिंद प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2022


यह महासागर जल के विशाल स्रोत होने के साथ-साथ पेट्रोलियम एवं खनिज पदार्थों के विशाल भंडार, कई प्रकार के जलीय जीवों एवं पौधों की प्रजातियों के निवास स्थान, सुगम-सस्ते व्यापारिक मार्ग भी है।
विश्व के कई देशों के बीच महासागर में मौजूद पेट्रोलियम – खनिज संसाधन एवं खाद्य पदार्थों पर नियंत्रण, व्यापारिक मार्ग पर नियंत्रण को लेकर इसके अलावा महासागरीय भाग पर अपना कब्जा तथा शक्ति प्रदर्शन को लेकर टकराव होते रहता है। इस तरह के टकराव को सुलझाने हेतु तथा महासागर में मौजूद अवसर एवं चुनौतियों की समझ समीक्षा को लेकर विभिन्न देशों के बीच सम्मेलन एवं वार्ता होती रहती है।

इसी तरह का विवाद, अवसर और चुनौतियों से युक्त एक महासागरीय क्षेत्र है, हिंद प्रशांत महासागरीय क्षेत्र।

4th Indo Pacific regional dialogue

अभी हाल ही में 23 से 25 नवंबर तक 4th Indo Pacific regional dialogue (IPRD) का आयोजन किया गया।

यह आयोजन भारतीय नौसेना द्वारा शीर्ष स्तर का अंतरराष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन है। जोकि इंडियन नेवी का पार्टनर नेशनल मैरिटाइम फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाता है।

वर्ष 2022 के इस बैठक का थीम “हिंद प्रशांत महासागर पहल को क्रियाशील बनाना ” operationalising the Hind- Pacific Ocean initiative।

इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय नौसेना प्रमुख आर हरिकुमार एवं पर्यावरण वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने भी शिरकत की।

भारतीय प्रशांत क्षेत्रीय संवाद (IPRD)2022

इसकी शुरुआत वर्ष 2018 में किया गया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य महासागर में मौजूद अवसरों और चुनौतियों की दोनों की समीक्षा करना,
समुद्री सहयोग के माध्यम से इस क्षेत्र में आवागमन, व्यापार संचालन, आर्थिक गतिविधियों का सुगम्यता से संचालित होना तथा क्षेत्रीय रूप से प्रासंगिक समुद्री मुद्दों पर विचार विमर्श को बढ़ावा देना है।

इस सम्मेलन में मुख्य रूप से निम्न सात बिंदुओं पर चर्चा की गई:-

  • समुद्री सुरक्षा
  • समुद्री परिस्थितिकी
  • समुद्री संसाधन
  • आपदा जोखिम में कमी और प्रबंधन
  • व्यापार संपर्क और समुद्री परिवहन
  • क्षमता निर्माण और संसाधन साझा करना
  • विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं शैक्षणिक सहयोग

इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, केन्या, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, इजराइल, ताइवान, जापान समेत 20 देश तथा आसियान और UNDP जैसे संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए।

इस बैठक का आयोजन वर्ष 2018 तथा 2019 में न्यू दिल्ली में किया गया, वर्ष 2020 में यह बैठक कोरोनावायरस के कारण रद्द किया गया तथा वर्ष 2021 में यह ऑनलाइन माध्यम से हुआ।

‌हिंदी प्रशांत क्षेत्र

यह हिंद महासागर प्रशांत महासागर की एक निश्चित क्षेत्र का सम्मिलित रूप है। इस क्षेत्र में पूर्वी अफ्रीका का तटीय भूभाग, हिंद महासागर, पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर शामिल है। इसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत भारतीय उपमहाद्वीप के सभी देश,सभी आसियान देश, चाइना, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड समेत कुल 38 देश आते हैं, जोकि पृथ्वी का 44 % भूभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
‌ यह क्षेत्र आबादी तथा आर्थिक रूप से भी काफी समृद्ध है, यह दुनिया के 62 परसेंट जीडीपी का प्रतिनिधित्व करती है, दुनिया का आधा व्यापार इसी क्षेत्र से होता है, इस क्षेत्र में हजारों प्रकार की जलीय जीव तथा पौधों की प्रजाति पाई जाती है। यह क्षेत्र पेट्रोलियम, लौह अयस्क, कॉपर, कोबाल्ट, जिंक जैसे प्राकृतिक संसाधनों से भी युक्त है। क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में चीन की दादागिरी तथा अमेरिका और चीन का अप्रत्यक्ष टकराहट का भी क्षेत्र बना हुआ है।

भारतीय नौसेना

भारतीय नौसेना को भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी 1950 को अंगीकृत किया गया। राष्ट्रपति इसके सर्वोच्च सेनापति होते हैं तथा इसके प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार है। इसका ध्येय वाक्य “शं शोध वरुण: ।

भारतीय नौसेना का स्थापना दिवस 4 दिसंबर को है इसके पीछे कारण यह है कि 1971 के भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दिन भारतीय नेवी ने 4 दिसंबर को कराची पर हमला किया, इसी कामयाब मिशन को लेकर अपना स्थापना दिवस 4दिसंबर को मनाई जाती है।
भारत में नौसेना के गठन की जानकारी हमें सिंधु कालीन सभ्यता से भी मिलती है, इसके अलावा प्राचीन काल में भी दक्षिण के चोल वंश के राजाओं के द्वारा नौसेना गठन की जानकारी प्राप्त होती है तथा मध्यकाल में मराठा साम्राज्य द्वारा भी नौसेना गठन की जानकारी प्राप्त होती है।
परंतु संगठित रूप से नौसेना 1612 में अंग्रेजो के द्वारा आरंभ की गई, 1934 में से रॉयल इंडिया नेवी नाम दिया गया तथा 1950 में भारत सरकार द्वारा अधिकृत करने पर इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया।

पांच महासागर के नाम

  • प्रशांत महासागर
  • अंटार्लटिक महासागर
  • हिंद महासागर
  • आकर्टिक महासागर
  • एंटार्कटिक महासागर

Important Link :-

Join Our Telegram GroupCLICK HERE
Join Our WhatsApp GroupCLICK HERE

FAQ

हिंद प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2022 का आयोजन कब किया गया ?

अभी हाल ही में 23 से 25 नवंबर तक 4th Indo Pacific regional dialogue (IPRD) का आयोजन किया गया।

दुनिया के पांच महासागर के नाम क्या है ?

1. प्रशांत महासागर
2. अंटार्लटिक महासागर
3. हिंद महासागर
4. आकर्टिक महासागर
5. एंटार्कटिक महासागर

हिंद प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2022 क्या है ?

महासागरों को लेकर 2 देशों में टकराव एवं कोई भी गंभीर मुद्दा को सुलझाने हेतु यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है |


Spread the love

Leave a Comment