हर घर गंगाजल परियोजना 2022,मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट।Har Ghar Gangajal Pariyojna 2022

Spread the love

Rate this post

हर घर गंगाजल परियोजना 2022 : जल ही जीवन है। यह वाक्य बेहद सटीकता के साथ जल के महत्व को दर्शाती है, जल के बिना जीवन की कल्पना करना ही असंभव है। जिस प्रकार जीवन के लिए वायु की आवश्यकता है, ठीक उसी प्रकार जल की भी आवश्यकता है। जल हमारे जीवन में पीने के अलावा, दैनिक कार्यों, साफ सफाई, सिंचाई एवं औधोगिक कार्य जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में उपयोग में लिया जाता है।
परंतु जल की आवश्यकता से अधिक मात्रा (बाढ़) हमारे लिए परेशानी उत्पन्न करती है और ठीक उसी प्रकार इसकी कमी ( सुखाड़, पानी का स्तर नीचे जाना) भी हमारे जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करता है।
कुछ इसी प्रकार का हाल है भारत के राज्य बिहार का।यहां पर बरसात के मौसम में गंगा, कोसी जैसे नदियों द्वारा अपने तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के द्वारा भयंकर तबाही मचाई जाती है, परंतु इसके विपरीत बिहार के काफी जिला में गर्मियों के दिनों में भयंकर सुखाड़, पीने के पानी की कमी, भूमिगत जल स्तर का नीचे जाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

हर घर गंगाजल परियोजना 2022
KNOWLEDGE MEDIA

हर घर गंगा जल परियोजना क्या है ?

हर घर गंगाजल परियोजना 2022 : बिहार में राज्य सरकार द्वारा आरंभ किया गया “हर घर गंगाजल” परियोजना का प्रथम चरण का काम पूरा हो गया।
इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ आरती कर किया गया। इस मौके पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी उपस्थित रहे।

इस परियोजना के प्रथम चरण के तहत राजगीर, गया तथा बोधगया में गंगा नदी के पानी को उपलब्ध कराया जाएगा।

हर घर गंगा जल परियोजना :-

इस परियोजना का उद्देश्य गंगा नदी के पानी को पेयजल की कमी से जूझ रहे जिलों में आपूर्ति करना है। इस परियोजना की मंजूरी बिहार कैबिनेट द्वारा दिसंबर 2019 में दिया गया था, साल 2020 से इस पर काम प्रारंभ हुआ।
यह परियोजना का काम हैदराबाद की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्राट्रक्चर लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
राजगीर एवं उसके आसपास के क्षेत्र चट्टानी क्षेत्र है। यहां पर पेयजल की समस्या काफी समय से बनी हुई है तथा समय के साथ भूमिगत जल का स्तर भी तेजी से नीचे जा रहा है, भूजल का अनियोजित और अंधाधुंध उपयोग से भूमिगत जल में कमी के साथ-साथ गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। इसलिए इस परियोजना के तहत गंगा नदी में बाढ़ के दौरान आए हुए अतिरिक्त पानी का संचयन कर उसे पीने योग्य बनाकर इन क्षेत्रों में भेजा जाएगा।

इस परियोजना के से जुड़े मुख्य बातें :-

यह परियोजना जल जीवन हरियाली मिशन के तहत आरंभ किया गया, इस परियोजना का कुल बजट 4000 करोड़ है तथा इसके प्रथम चरण के अंतर्गत 45000 घरों की जल की आपूर्ति की जाएगी।
Note:-इस परियोजना के दूसरे चरण के तहत 2023 में 78000 घरों में तथा नवादा जिला में जलापूर्ति की जाएगी।

इस परियोजना के तहत प्रत्येक परिवार को 135 लीटर जल की आपूर्ति की जाएगी।

यह परियोजना lift-store-tame-treat-supply प्रणाली पर काम करेगा।
बिहार राज्य के बीच से गुजरने वाली गंगा नदी ( बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, खगड़िया, कटिहार, भागलपुर, लखीसराय) पर हाथीदह में Intake पंप हाउस का निर्माण किया गया। जहां से पानी को 151 किलोमीटर लंबी पाइप के माध्यम से राजगीर भेजा जाएगा तथा इस जल का भंडारण के लिए जलाशय का निर्माण गया, राजगीर में किया गया। फिर इस जल को तीन शोधन केंद्र में शुद्ध कर उसे पीने योग्य बनाकर लोगों के घरों, होटलों में एवं अन्य उपयोगी जगहों पर सप्लाई किया जाएगा।

इससे होने वाले लाभ :-
इस परियोजना से पीने के पानी की कमी की समस्या ( खासकर गर्मी के मौसम) से छुटकारा मिलेगी।

पीने के पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होगी।
Note:- राज्य आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार बिहार के 38 में से 31 जिला में पानी की गुणवत्ता पीने योग्य नहीं है, इन जिलों में पानी में आर्सेनिक, क्लोरीन तथा आयरन की मात्रा अधिक है।

भूजल की उपयोग में कमी से भूजल स्तर में भी सुधार होगा।
इस परियोजना के तहत गंगा का पानी केवल बाढ़ के समय में 4 महीने के लिए लिया जाएगा, जिससे बाढ़ प्रभावित होने वाले इलाकों को कुछ राहत मिलेगी और साथ ही गंगा का प्राकृतिक प्रवाह भी प्रभावित नहीं होगा।

जल जीवन हरियाली मिशन :-

इसकी शुरुआत अक्टूबर 2019 में किया गया, इसका उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा, कृषि सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता तथा जलवायु परिवर्तन के बुरे प्रभाव को कम करना है। इसके तहत तलाब – आहार- पाईन निर्माण, पौधारोपण, वर्षा जल संचयन का कार्य किया जाता है।

बिहार :-

बिहार को भारत सरकार के द्वारा 26 जनवरी को 1950 राज्य का दर्जा प्राप्त। 1912 में बंगाल से अलग हुआ, उड़ीसा बिहार से 1936में, इसके बाद 2000 में झारखंड बिहार से अलग हुआ।
बिहार क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का 12 तथा जनसंख्या से तीसरा राज्य है, कुल क्षेत्रफल 94163 किलोमीटर तथा जनसंख्या 11 करोड़ है। वर्तमान में बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार तथा राज्यपाल श्री फागू चौहान है बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह थे।
बिहार में लोकसभा के 40 एवं राज्य सभा के 16 सीट है, इसके अलावा राज्य विधान मंडल द्विसदनीय होने के कारण विधानसभा के 243 सीट तथा विधान परिषद के 75 सीट है। बिहार के राजकीय पक्षी गौरैया, राजकीय पशु गौर, राजकीय वृक्ष पीपल तथा राजकीय पुष्प कचनार है।

इन्हें भी पढ़ें :-Indian Navy Agniveer 10+2 SSR Bharti 2022 |Indian Navy Agniveer SSR Recruitment 2022(01/2023)

हिंद प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2022।Hind Prashant Chetra vivaad,4th Indo Pacific Region Dialouge

फीफा वर्ल्ड कप 2022, विवादों का वर्ल्ड कप |FIFA World Cup 2022

Important Links :-

Join Our Telegram GroupCLICK HERE
Join Our WhatsApp GroupCLICK HERE

FAQ

हर घर गंगा जल परियोजना क्या है ?

यह परियोजना जल जीवन हरियाली मिशन के तहत आरंभ किया गया, इस परियोजना का कुल बजट 4000 करोड़ है तथा इसके प्रथम चरण के अंतर्गत 45000 घरों की जल की आपूर्ति की जाएगी।

हर हर गंगा जल परियोजना का कूल बजट कितना है ?

हर हर गंगा जल परियोजना का कूल बजट 4000 करोड़ है |

हर घर गंगा जल परियोजना के पहले चरण में किन-किन राज्यों को इसकी लाभ मिलेगी ?

इस परियोजना के प्रथम चरण के तहत राजगीर, गया तथा बोधगया में गंगा नदी के पानी को उपलब्ध कराया जाएगा।


Spread the love

Leave a Comment