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गांधी मंडेला पुरस्कार 2022, तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को मिला

गांधी मंडेला पुरस्कार 2022 : आज के समय दुनिया में तनाव का माहौल है, इंसान के अंदर लोभ, क्रोध, ईष्या एवं अन्य तरह के अवगुण बढ़ते जा रहे हैं, यहां तक की वैश्विक स्तर पर भी कई देश एक दूसरे को अपना दुश्मन मान बैठे हैं, अपने क्षेत्र विस्तार, राजनीतिक स्वार्थ एवं अपने शक्ति प्रदर्शन को लेकर दूसरे देश पर आक्रमण करने को तत्पर रहते हैं। विश्व के लगभग सभी देशों में हथियारों की होड़ लगी हुई है, पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों का गैर जिम्मेदार तरीकों से वृहद स्तर पर दोहन किया जा रहा है, जिससे दुनिया विनाश की ओर तेजी से अग्रसर हो रही है।
परंतु फिर भी कुछ संख्या में ऐसे महान एवं सामान्य लोग भी हैं, जो शांति, अहिंसा, स्वतंत्रता, पर्यावरण की रक्षा को लेकर जागरूक है एवं इसके बचाव को लेकर लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं।

गांधी मंडेला पुरस्कार क्या है ?

जो व्यक्ति शांति, अहिंसा, स्वतंत्रता, पर्यावरण की रक्षा को लेकर जागरूक है एवं इसके बचाव को लेकर लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं इन्हीं लोगों को प्रेरित करने एवं लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के शांति पुरस्कार भी वितरित किया जाता है, ऐसे ही पुरस्कारों में से एक पुरस्कार है “गांधी मंडेला पुरस्कार” यह पुरस्कार शांति एवं अहिंसा के प्रबल समर्थक, समानता एवं भेदभाव के विरोधी तथा पर्यावरण की रक्षा के समर्थक महात्मा गांधी एवं नेलसन मंडेला के नाम पर दिया जाता है, इसके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

गांधी मंडेला पुरस्कार 2022
KNOWLEDGE MEDIA

तिब्बती धर्मगुरु14th दलाई लामा को गांधी मंडेला पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया है ।

यह पुरस्कार धर्मशाला के मैकलोडगंज ने आयोजित समारोह में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर के द्वारा दिया गया, इस मौके पर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश K G बालकृष्ण तथा उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ज्ञान सुधा मिश्रा भी उपस्थित रहे।

यह पुरस्कार पहली बार 2019 में वियतनाम के बौद्ध धर्म गुरु, कवि, अध्यात्मिक गुरु एवं शांति के समर्थक जेन मास्टर Thich Nhat Hanh को दिया गया।

यह पुरस्कार न्यू दिल्ली में स्थित गांधी मंडेला फाउंडेशन के द्वारा दिया जाता है।

दलाई लामा ने कहा “अहिंसा एवं करुणा विश्व शांति के लिए सबसे आवश्यक तत्व है और यह भारत की संस्कृति में कई हजारों वर्षों से व्याप्त है”।

राज्यपाल ने कहा “दलाई लामा विश्व शांति के सार्वभौमिक राजदूत है, वह इस समय शांति, एकता एवं स्वतंत्रता के लिए समर्पित पुरस्कार के सबसे योग्य व्यक्ति हैं”।

गांधी मंडेला फाउंडेशन की शुरुआत कब हुई

यह संस्था भारत सरकार के अधिकृत एक गैर लाभकारी ट्रस्ट है, जिसका उद्देश्य वैश्विक शांति एवं स्वतंत्रता के लिए गांधी एवं नेलसन मंडेला के विचारों को प्रेरित करना एवं उसका विस्तार करना है।

इसकी स्थापना महात्मा गांधी के 150 वें जन्मदिवस के अवसर पर 2019 में किया गया है। पुरस्कार शांति, संस्कृति, सामाजिक उत्थान, पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल एवं खोज के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए दिया जाता है। दलाई लामा को 2020 में इस पुरस्कार के लिए चुना गया था, परंतु कोविड-19 इसे अब 2022 में दिया जा रहा है।

इसके पुरस्कार के चयन समिति में निम्न व्यक्ति थे :-

  • K G बालकृष्ण – भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष
  • दीपक मिश्रा – भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश
  • केदारनाथ उपाध्याय – नेपाल के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एवं नेपाल के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष
  • ज्ञान सुधा मिश्रा – उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश
  • मोहम्मद तफाजुल इस्लाम – बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश

इस अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामों का प्रस्ताव एशिया एवं अफ्रीका महाद्वीप के राष्ट्रअध्यक्षों द्वारा प्रस्तावित किया जाता है।

14 दलाई लामा का जन्म

14 दलाई लामा :- इनका मूल नाम तेनजिन ग्यात्सो है, इनका जन्म 6 जुलाई 1935 तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में हुआ, यह तिब्बत के 14 में धर्मगुरु है।
तिब्बती भाषा में लामा का अर्थ महान व्यक्ति या ज्ञान का सागर होता है। 1959 में तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद ही अपने अनुयायी एवं हजारों नागरिकों के साथ भारत आ गए, तब से यह हिमाचल के धर्मशाला में निवास कर रहे हैं, औपचारिक रूप से तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष भी है।
1989 इन्हें शांति के लिए नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। यह शांति के परम समर्थक, पर्यावरण के रक्षा के लिए समर्पित एवं यह शांतिपूर्ण रूप से तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए प्रयासरत भी हैं।

नेल्सन मंडेल:-

इनका जन्म 12 जुलाई 1918 को साउथ अफ्रीका के म्बेजो नामक स्थान पर हुआ।
उस समय दक्षिण अफ्रीका में रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव का विरोध करते थे तथा शांति के समर्थक थे। मंडेला महात्मा गांधी को अपना प्रेरणास्रोत मांग मानते थे। दक्षिण अफ्रीका में लोकतंत्र के प्रथम संस्थापक माना जाता है, यह 1994 से 1999 तक दक्षिण अफ्रीका के प्रथम राष्ट्रपति बने।
1990 में इन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न दिया गया, 1993 में शांति के लिए नोबेल प्राइज मिला, इसके अलावा निशाने पाकिस्तान के साथ-साथ कई अन्य पुरस्कार भी मिला ।इनकी मृत्यु 5 दिसंबर 2013 को जोहांसबर्ग में हुआ।

महात्मा गांधी :-

गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ। भारत को अंग्रेजों की गुलामी स्वतंत्रता दिलाने वाले सबसे महत्वपूर्ण नेता थे, इन्हें बापू, राष्ट्रपिता आदि का नाम सम्मानित किया जाता है।
1917 में चंपारण सत्याग्रह, 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन, 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन जैसे बड़े आंदोलन के माध्यम से, अपनी रचना एवं लेखन, विचारों तथा अपने सत्य और अहिंसा की नीति के बल पर इन्होंने भारत को स्वतंत्र किया।
इनका मानना था कि बड़े से बड़े काम जो युद्ध से भी नहीं हो सकता है वह शांति के द्वारा किया जा सकता है।

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FAQ

2022 का गांधी मंडेला पुरस्कार किसे मिला ?

2022 का गांधी मंडेला पुरस्कार तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को मिला |

गांधी मंडेला पुरस्कार क्यों दिया जाता है ?

जो व्यक्ति शांति, अहिंसा, स्वतंत्रता, पर्यावरण की रक्षा को लेकर जागरूक है एवं इसके बचाव को लेकर लोगों को प्रेरित भी कर रहे हैं इन्हीं लोगों को प्रेरित करने एवं लोगों को जागरूक करने के लिए गांधी मंडेला पुरस्कार दिया जाता है |


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